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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है तन्हाई में बैठकर दर्द को अपनी क़लम से लिखता हूँ, मंज़र लखनवी टैग : दिल शेयर कीजिए वो महफ़िल में तन्हा-तन्हा चिल्ला रहे थे। “आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो “माना कि तन्हा हूँ, पर ये भी हकीकत है, https://youtu.be/Lug0ffByUck

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